सिमडेगा:सिमडेगा पुलिस के प्रयास से 22 वर्षो से मानव तस्करी के चंगुल में फंसी महिला जो कि पंजाब के जालंधर फोकल प्वाईंट, शालिमपुर में दलाल के यहाँ रहने को मजबूर थी 29 अगस्त को पाईकपारा अपने गाँव पुलिस तथा भाई के साथ वापस लायी गई।इस मामले में सामाजिक कार्यकर्त्ता अगुस्टीना सोरेंग ने बताया कि संस्था द्वारा महिला के पंजाब में फंसे होने की जानकारी मिली थी जिसपर गाँव में जाकर सबसे पहले भाईयों और परिवार को महिला की तस्वीर तथा उसके द्वारा बताए जानकारी साझा किया गया जो कि सही पाया गया। जिस पर 8 अगस्त को महिला के भाई तथा अगुस्टीना सोरेंग के द्वारा सिमडेगा एसपी को आवेदन देकर उक्त महिला को वापस लाने का निवेदन किया गया था जिसपर त्वरित कारवाई करते हुए महिला को सकुशल घर वापस लाया गया। वापस लौटी मानव तस्करी से पीङित महिला से अगुस्टीना सोरेंग उसके घर जाकर मिली तथा उसका हाल जाना। अगुस्टीना सोरेंग ने महिला से बातचीत के दौरान प्राप्त जानकारी बताते हुए तथ्य साझा किया कि -आज से 22 वर्ष पूर्व उक्त महिला अपने ससुराल पक्ष के द्वारा चिन्हित महिला के साथ दिल्ली ले जाई गई थी जिसने उसे पंजाब ले जाकर एक पुरुष के पास बेच दिया था जो उससे मजदूरी कराता था और सारे पैसे खुद रख लेता था।वो लोग मजदूरों के बस्ती में रहते थे जहाँ उक्त दलाल पुरुष से सब डरते थे जिस कारण दो बार वो स्टेशन भाग गई थी घर आने को पर कहीं न कहीं से वो उसे ढूंढके वापस ले गया और कोई भी उसकी मदद नहीं किया। इस बार एक उत्तरप्रदेश की भले मन की मजदूर महिला जो उसकी पङोसी थी को उसके ऊपर शारीरिक, मानसिक, यौनिक और आर्थिक अत्याचार देखकर तरस आया और एक संस्था तक खबर के माध्यम से हमतक जानकारी पहुँची और हमने पुलिस को मदद माँगा और महिला नारकीय जीवन से वापस आ सकी है। ज्ञात हो कि महिला पढ़ना -लिखना नहीं जानती है जिस कारण भी वो इतने दिन बेबस जीवन गुजारी।सामाजिक कार्यकर्त्ता अगुस्टीना ने पूरे मामले में सिमडेगा पुलिस की कार्यो की सराहना करते हुए एसपी सिमडेगा, रेंगारिह थाना तथा AHTU थाना का आभार व्यक्त किया है साथ ही समाज से अपील किया है कि मानव तस्करी से बचने के लिए सतर्क रहने की जरुरत है विशेषकर जो शहरों में काम के लिए पलायन करते हैं।
